Guru Nanak Dev University है स्वच्छता में लगातार पहले स्थान पर, यह कृषि विभाग में होती है सेब की खेती
राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने इस विश्वविद्यालय को A++ ग्रेड से मान्यता दी है।
इस विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पंजाबी भाषा, साहित्य, और संस्कृति संस्थान, भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान, और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान जैसे कई संस्थान और शोध केंद्र हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इस विश्वविद्यालय को 'श्रेणी एक' का दर्जा दिया है।
अमृतसर/Guru Nanak Dev University भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर शहर में स्थित है। यह विश्वविद्यालय 1969 में स्थापित किया गया था और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मान्यता प्राप्त है। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी, विशेषता प्रमाणपत्र और संकाय कार्यक्रमों की विभिन्न पाठ्यक्रम संबंधित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा का प्रदान किया जाता है। इसमें कला, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य, प्रशासनिक अध्ययन, तकनीकी शिक्षा, फार्मेसी, लॉ और अन्य क्षेत्रों में कार्यक्रम हैं।
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अनुसंधान, सांस्कृतिक गतिविधियों, विभिन्न सेमीनारों, कार्यशालाओं और सम्मेलनों को संचालित करता है। यह छात्रों को उच्चतर शिक्षा, अनुसंधान और विशेषज्ञता के क्षेत्र में विकास करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देता है।
देश-विदेश में मुकाम हासिल कर चुकी गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) इस समय स्वच्छता में भी देश में पहले स्थान पर पहुंच चुकी है। इस यूनिवर्सिटी की स्थापना साल 1969 में की गई थी। पंजाब सरकार ने श्री गुरु नानक देव जी के 500वें प्रकाश पर्व के मौके वर्ष 1969 में गुरु साहिब के नाम पर यूनिवर्सिटी स्थापित करने का एलान किया था। 24 नवंबर 1969 को यूनिवर्सिटी का नींव पत्थर रखा गया था। तब पहले से यहां एक-दो इमारतें थीं जहां पर कक्षाएं शुरू की गईं। फिर यूनिवर्सिटी स्थापित करने का प्रोजेक्ट तैयार किया था।
धीरे-धीरे विश्वविद्यालय के अलग-अलग विभागों की इमारतें तैयार करनी शुरू की गई। तब से लेकर अब तक जीएनडीयू लगातार बुलंदियां छू रही है और देश के विकास में भी अहम योगदान दे रही है। यहां पर कई अहम शोध चल रहे हैं। इनमें कैंसर की दवाइया, खेती में नए अवसर तलाशने, केले की खेती को बढ़ावा देने, सेब की खेती अमृतसर में ही करने, अश्वगंधा सहित कई ऐसे चीजों पर रिसर्च चल रही है जिनकी पैदावार अमृतसर में नहीं हो सकती। बावजूद इसके उन सभी को यहाँ के मौसम के मुताबिक किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए तैयार किया जा रहा है।
अधिक जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं: https://www.gndu.ac.in/